
वस्तुपाल तेजपाल सोलंकी वंश के राजा वीरधवल के समय में गुजरात के महामंत्री थे। ऐसा कहा जाता हे की दोनों भाई बड़े ही मुत्सद्दी और अपनी बुद्धि से अति तीव्र थे। दोनों भाईओ ने अपनी बुद्धि और कौशल से गुजरात राज्य का व्याप करने का कार्य बहुत ही बखूबी से किया था।गुजरात का राजविस्तार करने के साथ साथ ही दोनों भाईओ ने काफी सारे अंदिर भी बनवाये थे और दान धर्म एवं पुण्य का काफी सारा काम भी किया था। आज हम आपको दोनों भाईओ के बारें में कुछ विशेष जानकारी देंगे और साथ में यह भी बताएँगे की आखिर दोनों भाईओ को गुजरात के प्राचीन इतिहास में क्यों याद रखा जाता हे।
Vastupal And Tejpal were good ministers becuase?
काफी सारे लोग यह प्रश्न पूछते हे की क्या वस्तुपाल और तेजपाल बहुत ही बढ़िया मंत्री थे? अगर आप इस बात का जवाब ढूंढने जाएंगे तो आपको पता चलेगा की वो दोनों वाकई में एक बहुत ही बढ़िया मंत्री थे।हम आपको यह बात एक उदाहरण देकर बताएँगे।
गुजरात में जब सोलंकी वंश का राज चल रहा था तब दिल्ली में मुघल सल्तनत का राज चल रहा था। दिल्ली के सुल्तान कब गुजरात पे आक्रमण कर दे उसका किसीको पता नहीं था। गुजरात में रह रही प्रजा को भी हमेशा दिल्ली से कब आक्रमण होगा इस बात की चिंता सतायी रहती थी। राजा वीरधवल ने जब यह बात अपने मंत्री वस्तुपाल तेजपाल को बताई तो इन्होने भी इस बात को गंभीरता से लिया और इसका कोई स्थायी उपाय लाने के बारें में सोचा।
दिल्ली के सुल्तान के साथ वस्तुपाल तेजपाल के सबंध
एक बार जब दिल्ली के सुल्तान की राजमाता मक्का हज करे के लिए निकली तो वो गुजरात आई हुई थी। आपको हम यहाँ पे बताना चाहते हे की उस समय गुजरात के बन्दर पश्चिम दिशा से भारत में दाखल होने के लिए महत्वपूर्ण प्रवेशद्वार था। उस समय तक़रीबन सब लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल करके भारत से अंदर बहार जाते थे। जब दिल्ली के सुल्तान की माता हज करने के जा रही थी तभी उनके जहाज को किसी अमानवीय तत्वों द्वारा लूंट लिया गया। सुल्तान की माता को इस बात से बहुत हानि भी पहुंची थी।
उस समय वस्तुपाल गुजरात राज्य के महामंत्री थे। पुरे राज्य में यह खबर फ़ैल गई थी की सुल्तान की माता के जहाज को लूंट लिया गया हे। यह खबर जल्द ही वस्तुपाल के कानो तक भी पहुँच गई। वस्तुपालने तुरंत इस बात का जांच पड़ताल करवाई। उन्होंने सुल्तान की माता को अपने राजमहल में आश्रय दिया और उनके चोरी किये गएसब माल सामान को भी वापिस लौटाया। वस्तुपाल ने उनको बहुत ही सम्मान के साथ मक्का हज करने के लिए भेजा और उनके वापिस आने के समय भी उनकी बहुत अच्छी तरह से खातिरदारी की और बेगम का दिल जित लिया था।
Originally published at http://indianapex.in on March 15, 2021.